किसान शून्य लागत पर अपनी आय को दोगुना कर सकते है-आचार्य देवव्रत

देवरिया । भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति(बी0पी0के0पी0) विषय पर एन0आई0सी0 कलक्ट्रेट में वीडियों कान्फ्रेसिंग आयोजित हुई। जनपद स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी शिव शरणप्पा जी.एन., कृषि विभाग एवं अन्य संबंधित विभागो के अधिकारियों के साथ जुडे। राज्यपाल गुजरात आचार्य देवव्रत द्वारा भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति पर विस्तारपूर्वक वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से चर्चा की गयी। उनके द्वारा यह बताया गया कि हिमाचल प्रदेश में 200 हेक्टेयर सेब की खेती पर भारतीय कृषि पद्धति अपनाकर पौधो को समय-समय पर जीवामृत, घनामृत, वर्मी कम्पोस्ट इत्यादि का प्रयोग कर उपज एवं गुणवत्ता को कई गुना बढा सकते हैै। इस पद्धति के द्वारा किसान शून्य लागत पर अपनी आय को दोगुना कर सकते है। इस कांफ्रेंसिंग में उप निदेशक कृषि डा0 ए0के0मिश्र, जिला कृषि अधिकारी मो0मुजम्मिल, भूमि संरक्षण अधिकारी सन्तलाल, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा0विकास साठे सहित एफ0पी0ओ0 के निदेशक, प्रगतिशील कृषक श्रीराम कुशवाहा, वेदव्यास सिंह, स्वतंत्रदेव सिंह आदि उपस्थित रहे।