बरहज आश्रम से गांधी सद्भाव पदयात्रा आरंभ
गांधी जनमंच देवरिया ने शहीदों को किया याद

बरहज,देवरिया । भारत में अंग्रेजों के शासन काल के समय नमक उत्पादन और बिक्री के ऊपर कर लगाने के कानून के विरुद्ध महात्मा गांधी जी की अगुवाई में 12 मार्च 1930 को अहमदाबाद से साबरमती आश्रम से अपने 78 अनुयाई के साथ शुरू की गई यात्रा 240 मील की यात्रा 24 दिनों में तय करके 6 अप्रैल 1930 को समुद्र तट गांव दांडी पहुंचकर नमक कानून को भंग किया था | कानून भंग करने के बाद सत्याग्रह यों ने अंग्रेजों की लाठियां खाई थी ,परंतु पीछे नहीं हटे | इस आंदोलन में राजगोपालाचारी, जवाहरलाल नेहरू सहित अनेक नेता गिरफ्तार कर लिए गये| यह आंदोलन पूरे साल भर चलता रहा |देश और दुनिया के इतिहासकार इसे सिविल नाफरमानी का पहला प्रयोग मानते हैं |जिसके माध्यम से महात्मा गांधी जी ने दुनिया को अन्याय के विरुद्ध लड़ने का एक हथियार दिया |
अपने स्वतंत्रता संग्राम की विरासत को याद करने एवं अपनी युवा पीढ़ी को अवगत कराने के उद्देश्य से गांधी जनमंच देवरिया द्वारा दांडी मार्च की 91 वर्षगांठ के अवसर पर, “गांधी सद्भाव पदयात्रा” का आयोजन दिनांक 12 मार्च को आजादी के प्रमुख केंद्र रहे #परमहंस आश्रम बरहज स्थित पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की समाधि एवं पूज्य बाबा राघव दास को नमन करते हुए, आरंभ होकर करूवना , करमटार ,भलुअनी , गड़ेर में’ गांधी स्मरण गोष्ठी ‘करते हुए बारीपुर हनुमान मंदिर पहुंचकर विश्राम करेगी | अगले दिन 13 मार्च को पुनः बैरौना ,सोनूघाट होते हुए देवरिया पहुंचकर राजकीय इंटर कालेज स्थित बापू की मूर्ति पर माल्यार्पण एवं नागरी प्रचारिणी सभा में समापन समारोह के साथ संपन्न होगी | आश्रम बरहज में आयोजित समारोह के मुख्य वक्ता प्रोफेसर आनंद मिश्र दीपायन, (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) होंगे |
समारोह की अध्यक्षता आश्रम पीठाधीश्वर श्री आंजनेय दास जी जी महाराज करेंगे
उक्त आशय की जानकारी गांधी जन मंच के संयोजक ऋषिकेश मिश्र एवं मंत्री सरोज पांडेय ने आश्रम परिसर आयोजित प्रेस वार्ता में देते हुए बताया की इस कार्यक्रम से हम अपने स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास से आम जनता को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं ।
साथ में हीरानंद राय, राधारमण पांडेय, जितेंद्र मोहन गुप्त ,रवि प्रकाश तिवारी, कृष्णचंद्र दीक्षित ,अनिल निषाद आदि मौजूद रहें ।