देवरिया। जिला अस्पताल देवरिया की कार्यशैली से प्रदेश सरकार की बदनामी हो रही है, गरीब जनता जिला अस्पताल के कर्मचारियों के अमानवीय कृत्य से कराह रही है । सरकार द्वारा दी जा रही सुविधायें जब ऐसे कर्मचारियों की वजह से दुख झेल रहे बीमार व्यक्ति व उसके परिजनों को नही मिलती है तो बहुत तकलीफ होती है और तभी वह सरकार को दोषी ठहराता हैं । 20 अक्टूबर को भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ भलुअनी के मण्डल संयोजक सन्तोष मद्धेशिया अपने परिवार की एक महिला की तबियत खराब होने पर जिला चिकित्सालय देवरिया इलाज हेतु ले गये । जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी में मरीज को दिखाये, जहाँ डॉक्टर ने मरीज को भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया । इलाज के दौरान इमरजेंसी में तैनात वार्डब्वाय पिंटू ने एक इंजेक्शन 580 रुपये का लिखकर बाहर से लाने के लिये कहा । सन्तोष मद्धेशिया द्वारा वार्डब्वाय से वह इंजेक्शन अंदर से लगाने के लिये कहने पर एक अन्य वार्डब्वाय गुस्से में बोला कि इंजेक्शन अंदर नही है, आपकी मर्जी लाना है तो लाओ, नही तो नही लगेगा, जिसके बाद सन्तोष मद्धेशिया ने वीडियो वायरल करने व कम्प्लेन करने की बात कही तब जाकर मरीज को इंजेक्शन अंदर से लगाया गया और दवा लिखकर मरीज को कुछ देर बाद डिस्चार्ज कर दिया गया । सन्तोष मद्धेशिया ने पार्टी से जुड़े होने के नाते, सरकार की छवि धूमिल कर रहे वार्डब्वाय स्टाफ द्वारा कमीशन के लिये बाहर से लिखे जा रहे इंजेक्शन व दवाओं के बारे में कड़ी नाराजगी जताते हुये डॉक्टर से शिकायत की । अब देखना है कि ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई होती है या डॉक्टर साहब भी इस खेल में शामिल हैं ।
जनता बेहाल, कर्मचारी मालामाल
सन्तोष मद्धेशिया ने जिला अस्पताल के इस मनमानी पर कहा कि अभी कल ही अस्पताल स्टाफ की कार्यशैली से हंगामा हुआ था, फिर भी कर्मचारी खुद में सुधार नही ला रहे हैं । आज कोरोना महामारी में जहां हर कोई आर्थिक रूप से परेशान है, वहीं जिला अस्पताल स्टाफ का इस तरह का कार्य एक सवाल खड़ा करता है । सरकार जिला अस्पतालों को दवाएं जनता को देने के लिये देती है या लूट खसोट के लिये ? आज के हालात में एक एक रुपये का महत्व है, कोई गरीब अगर इलाज के लिये चला जाये और इसी तरह दवा बाहर से लाने के लिये लिख दिया जाये तो वह मरीज इलाज के अभाव में मर जायेगा और जिम्मेदारी होगी सरकार की, बदनामी होगी सरकार की । सरकार अगर जनता के लिये सुविधाएं दे रही है तो जांच कराकर ऐसे भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लगाये वरना सरकार की छवि ऐसे ही धूमिल होती रहेगी ।