धान पराली एवं अन्य कृषि अपशिष्ट न जलाये जाए, इसके लिए जिलाधिकारी ने तहसील स्तर पर उड़न दस्ता टीम गठित की
संबंधित तहसील के एसडीएम, क्षेत्राधिकारी एवं सहायक विकास अधिकारी(कृषि) को किया नामित

देवरिया। शासन द्वारा प्रत्येक तहसील स्तर पर पराली (धान का पुआल/ अन्य कृषि अपशिष्ट) के जलाये जाने के कारण होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु प्रत्येक तहसील स्तर पर उडन दस्ता गठित करने के निर्देश दिए गए है, जिसके अनुपालन में जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने जनपद में तहसीलवार उड़न दस्तो का गठन किया है।
जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने संबंधित उप जिलाधिकारी को दस्ता प्रभारी, क्षेत्राधिकारी को पुलिस विभाग के अधिकारी तथा सहायक विकास अधिकारी (कृषि) को कृषि विभाग के अधिकारी नामित करते हुए उन्हे निर्देश देते हुए कहा है कि किसी भी स्थिति में धान पराली एवं अन्य कृषि अपशिष्ट न जलाये जाए। इस हेतु प्रत्येक तहसील एवं विकास खण्ड के समस्त लेखपाल एवं ग्राम प्रधान की सम्मिलित करते हुये एक व्हाट्स एप्प ग्रुप बनाया जाये। यदि उस क्षेत्र में कही भी फसल अवशेष जलाये जाने की घटना होती है, तो सम्बन्धित लेखपाल एवं ग्राम प्रधान का व्हाट्स ऐप्प ग्रुप एवं दूरभाष के माध्यम से सम्बन्धित तहसील स्तर पर तत्काल इसकी सूचना देंगे।
पराली / कृषि अपशिष्ट जलाये जाने की घटना पाये जाने पर क्षतिपूर्ति की वसूली एवं पुनरावृत्ति होने पर सम्बन्धित के विरुद्ध अर्थदण्ड लगाये जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। तहसील स्तर पर गठित उड़न दस्ते का दायित्व होगा कि धान कटने के समय से लेकर रबी में गेहू की बुवाई तक प्रतिदिन फसल अवशेष जलाने की घटनाओं एवं इसकी रोकथाम के लिये की गयी कार्यवाही की सतत् निगरानी एवं अनुश्रवण करते हुये प्रत्येक कार्य दिवस की सूचना अनिवार्य रूप से जनपद स्तर पर गठित सेल को देगे।
प्रत्येक गांव के ग्राम प्रधान एवं क्षेत्रीय लेखपाल को यह निर्देशित किया जाये कि किसी भी दशा में अपने से सम्बन्धित लेखपाल जिम्मेदार होगे। सहायक विकास अधिकारी (कृषि) इन-सीटू मैनेजमेन्ट हेतु नियमानुसार अनुमन्य कृषि यंत्रों का प्रचार-प्रसार एवं उपलब्ध इन-सीटू के माध्यम से फसल अवशेष प्रबन्धन कराना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही जन जागरण अभियान के माध्यम से फसल अवशेष न जलाये जाने एवं फसल अवशेष जलाने के दुष्परिणामों से सचेत करते हुए कृषकों को प्रेरित करेंगे।