जिलाधिकारी की अभिनव पहल ,बेसिक शिक्षा के विद्यालयों के मध्यान्ह् भोजन में सम्मिलित होगा मशरुम
उगायेगीं स्वयं सहायता समूह की महिलायें , क्रय कर उसे विद्यालयों में की जायेगी आपूर्ति, इसके लिये हुआ एमओयू हस्ताक्षरित , कम खर्च में उगाया जा सकता है मशरुम, बढेगी आय , कृषक अपने पराली व फसल अवशेष का मशरुम उगाने में करें उपयोग, बढायें अपनी आय-डीएम .

देवरिया। मिशन शक्ति अंतर्गत स्वतः रोजगार माध्यम से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से आजीविका सम्वर्द्धन हेतु महिला सशक्तिकरण की दिशा में आत्म सम्मान से आत्म निर्भरता की ओर एक अभिनव पहल जिलाधिकारी अमित किशोर एवं ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट सुमित यादव द्वारा जनपद में की गयी। इसके तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा महालक्ष्मी प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड देवरिया को एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। इसके द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग के बच्चों को स्वयं सहायता समूह द्वारा उत्पादित मशरुम इस संस्था के माध्यम से स्कूलों को उपलब्ध कराया जायेगा। जहां मध्यान्ह् भोजन के मीनू में मशरुम को सम्मिलित कर बच्चों को सुलभ कराया जायेगा। इस पहल से बच्चों को जहां पौष्टिक आहार मिलेगा, वही स्वयं सहायता समूह की महिलायें आत्मसम्मान से आत्मनिर्भता की ओर अग्रसर होगीं।
आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारम्भ विकास भवन के गांधी सभागार में जिलाधिकारी अमित किशोर, ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट सुमित यादव एवं समूह की महिलाओं सहित अन्य अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया तथा हस्ताक्षरित एमओयू संस्था महालक्ष्मी प्रोड्यूसर कम्पनी को उपलब्ध कराया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी अमित किशोर ने संस्था को शुभकामना देते हुए कहा कि यह एक नया कीर्तिमान जनपद में स्थापित हो रहा है। इस पहल से स्वयं सहायता समूह की महिलाये आत्मनिर्भर होगी। बच्चो को पौष्टिक आहार मिलेगा। इसके माध्यम से मध्यान्ह् भोजन में यह सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ गुणवत्तापूर्ण पोषण खाना बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों के बच्चों को मिलेगा। उन्होने यह भी कहा कि आइसीडीएस द्वारा हाटकुक प्रोवाइड करने में भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोडा जायेगा। उन्होने कहा कि मशरुम मध्यान्ह् भोजन में सम्मिलित करने की शुरुआत इस जनपद में हो रही है, यह बहुत ही अच्छा कार्य है। बेसिक शिक्षा अधिकारी इसे सभी स्कूलों में जोडने के लिये कार्य करेगें। मशरुम में पौष्टिक तत्वों की प्रचुरता होती है, जो स्वास्थ्य के लिये काफी उपयोगी होता है। अब इसके मध्यान्ह भोजन में सम्मिलित होने से बच्चों को पौष्टिक आहार भी मिलेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि मशरुम की खेती बहुत कम खर्च में किया जा सकता है। इसको उगाने के लिये फसल अवशेष व पराली व भूसे को उपयोग में लाया जाता है। पराली आदि के प्रयोग करने से कृषकों के जहां फसल अवशेष का समुचित प्रबंधन होगा, वही उनकी मशरुम उगाने से आय भी बढेगी। उन्होने इसे ग्राम स्तर पर पहुॅचाने की आवश्यकता जताई। उन्होने कहा कि कृषक अपने फसल अवशेष पराली आदि का प्रबंधन कर इसे उगाये और पराली आदि को जलाने से बचे। मशरुम उगाने में उसका उपयोग कर अपनी आय को बढायें। ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट/उपायुक्त एनआरएलएम सुमित यादव ने बताया कि प्रथम फेज में देसही देवरिया ब्लाक के बेसिक शिक्षा के 100 विद्यालयों को चिन्हित किया गया है जहां स्वयं सहायता समूहों द्वारा उगाये गये मशरुम को संस्था महालक्ष्मी प्रोड्यूसर द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। दूसरे चरण में 8 ब्लाकों के स्कूलों को आच्छादित किया जाना प्रस्तावित है तथा तीसरे चरण में शेष सभी ब्लाकों के स्कूलों में मशरुम मध्यान्ह् भोजन में सम्मिलित किये जाने का प्रस्ताव है। उन्होने यह भी कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाये इसे उगायेगी तथा संस्था द्वारा उसे क्रय किया जायेगा और स्कूलों को उपलब्ध कराया जायेगा। इस आय से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं में आत्मनिर्भरता आयेगी और उनमें स्वालम्बन के साथ-साथ आत्मसम्मान भी विकसित होगा।
बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने कहा कि यह एक पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में है। बेसिक स्कूलों के निर्धारित प्रतिदिन के मीनू में शुक्रवार के दिन मशरुम को मीनू में सम्मिलित कर बच्चों को उपलब्ध कराया जायेगा। फीडबैक के आधार पर पूरे जनपद में इसे लागू किया जायेगा। महालक्ष्मी प्रोड्यूसर के प्रोपराइटर सुधाकर ने बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को तकनीकी रुप से प्रशिक्षित करने का कार्य भी इस संस्था द्वारा किया जायेगा। साथ ही उन्हे बीज आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जायेगी व उनके द्वारा उगाये मशरुम को संस्था क्रय कर विद्यालयों में आपूर्ति करेगी, जिसका उपयोग मध्यान्ह् भोजन के मीनू में किया जायेगा।
इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी मुख्य विकास अधिकारी शिव शरणप्पा जी एन है, जिनके निर्देशन में इस पहल की शुरुआत जनपद में की गई। इस कार्यक्रम में उप निदेशक कृषि डा एके मिश्र, जिला विकास अधिकारी श्रीकृष्ण पाण्डेय, डीसी मनरेगा गजेन्द्र त्रिपाठी, रजनीश, स्वतंत्र सिंह, स्वयं सहायता समूह की महिलायें सहित अन्य संबंधित जन आदि उपस्थित रहे।