तिरंगे में लिपटे जवान का शव गांव पहुंचा, बोली बेटी- किसके सहारे रहेगे हम
इलाज के दौरान एसएसबी जवान की मौत

असिस्टेंट कमांडेंट राजकुमार सिंह सैनिकों के साथ जवान के पार्थिव शरीर को लेकर रविवार को गांव पहुंचे। तिरंगे में लिपटे जवान का अंतिम दर्शन करने के लिए इलाके के कई गांवों के लोग एवं राजनीतिक दलों के नेता पहुंच गये। जवान का शव आते ही पत्नी उमरावती देवी, बेटियां सुमन, पूजा,सुनिता,अनिता व इकलौते बेटे दुर्गेश शव से लिपटकर रोने लगे। परिजनों को ढाढस बंधाने पहुंची महिलाएं भी परिजनों के बिलखते देख अपने आंसुओं को रोक न सकी। वहां उपस्थित सभी की आंखे परिजनों के विलाप से नम हो गयी। जवान का अंतिम संस्कार छोटी गंडक नदी के सिसवा घाट पर पूरे सैनिक सम्मान के साथ हुआ। इकलौते बेटे दुर्गेश कुमार ने अपने पिता को मुखाग्नि दिया। इस दौरान रामपुर कारखाना विधायक प्रतिनिधि डाँ.संजीव शुक्ल, रामनिवास पांडे, रिंकू पांडे, सपा नेता उमेश नारायण शाही, लालजी यादव, सुरेन्द्र चौरसिया, पवन गुप्ता आदि उपस्थित रहे।
बेटी की शादी का सपना अधूरा रह गया
एसएसबी जवान कूबेरनाथ ठाकुर की चार बेटियां और एक बेटा है। बेटा सबसे छोटा है। जवान अपनी तीन बेटियों की शादी कर चुके थे। छोटी बेटी पूजा की शादी के लिए रिश्ता देख रहे थे। छुट्टी पर आने के बाद इस बार शादी तय करना था लेकिन सपना धरा का धरा रह गया। ईश्वर को कुछ और मंजूर था, छोटी बेटी पूजा ने रोते बिलखते हुए कहा कि हमको पापा सबसे ज्यादा प्यार करते थे, अब हम किसके सहारे जिऐगे। मां और बेटे का रो रोकर बुरा हाल हो गया था।