देवरिया टाइम्स । जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन अनुभाग-2, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ की अधिसूचना के अंतर्गत दान विलेखों पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क में छूट प्रदान की गई है। इस अधिसूचना के अनुसार, परिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति का दान करने पर अधिकतम 5,000 रुपये का स्टाम्प शुल्क नियत किया गया है। परिवार के सदस्य, जैसे पुत्र, पुत्री, पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्रवधू, सगा भाई (सगे भाई के मृत होने की स्थिति में उसकी पत्नी), सगी बहन, दामाद (पुत्री का पति), और पौत्र/पौत्री (पुत्र/पुत्री के बच्चे) को दान की गई अचल संपत्ति पर यह छूट लागू होती है।
प्रेरणा सॉफ्टवेयर पर प्रमाणक अपलोड करना अनिवार्य है, जिसमें दानकर्ता के पास संपत्ति का प्राप्त स्रोत, दानकर्ता और दानग्राही के बीच संबंध का प्रमाण, मृतक भाई की पत्नी को दान देने के मामले में मृत्यु प्रमाण पत्र, संपत्ति का जियोटैग फोटोग्राफ या अक्षांश और देशांतर आदि शामिल होंगे। दान विलेख का अधिसूचना के प्रावधानों से मेल होना सुनिश्चित किया जाएगा, और अपलोड किए गए प्रमाण पत्र से संबंधों की पुष्टि की जाएगी।
दानदाता और दानग्राही जैविक व्यक्ति हों, और संपत्ति किसी कंपनी, फर्म, संस्था, या सोसायटी के नाम पर न हो। स्टाम्प शुल्क छूट का लाभ केवल स्टाम्प शुल्क पर उपलब्ध होगा, न कि निबंधन शुल्क पर।
निबंधन शुल्क, अधिसूचना संख्या दिनांक 13 फरवरी 2020 के अनुसार, संपत्ति के मूल्य का एक प्रतिशत देय होगा। अंतरित संपत्ति का मूल्य व्यक्त करना आवश्यक होगा।
जिलाधिकारी ने सभी उप निबंधकों को निर्देशित किया है कि अधिसूचना संख्या-18/2023/995/94-एस०आर०-2-2023-700 (29)/2021 और अन्य संबंधित शासनादेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। निरीक्षण में किसी प्रकार की चूक पाए जाने पर संबंधित उप निबंधक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।