पीपी सेंटर स्थानांतरण को लेकर बढ़ी किरकिरी, नियम कानून फाइल में दबा दी गई।

देवरिया टाइम्स,

देवरिया जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन और व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के लिए जारी किए गए आधिकारिक निर्देशों पर स्वयं देवरिया मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) अनिल कुमार गुप्ता देवरिया द्वारा अमल न किए जाने का मामला सामने आया है। पीपी सेंटर को रुद्रपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एमसीएच विंग में स्थानांतरित करने के लिए जारी आदेश महीनों बाद भी लागू नहीं हुए, जिससे स्वास्थ्य विभाग में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

देवरिया सीएमओ कार्यालय से 29 सितम्बर 2025 को जारी पत्रांक सीएमओ/पीपी सेंटर/2025-26/ में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डॉ. सतीश कुमार सिन्हा को निर्देशित किया गया था कि, पीपी सेंटर के सभी चिकित्साधिकारी, कार्मिक एवं सामग्री (टीकाकरण स्टाफ और सामग्री को छोड़कर) तत्काल प्रभाव से सीएचसी रुद्रपुर के एमसीएच विंग में स्थानांतरित किए जाएं। साथ ही निर्देश था कि महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य से समन्वय स्थापित करते हुए टीकाकरण कक्ष को एमसीएच विंग/महिला वार्ड के पास क्रियाशील कराया जाए।

वही इस आदेश के पीछे तीन प्रमुख पत्रों और जिलाधिकारी देवरिया द्वारा 23 सितंबर 2025 को दिए गए अनुमोदन का हवाला भी दिया गया था। और उच्च अधिकारियों को प्रतिलिपि भेजी गई, फिर भी कार्रवाई शून्य।

पत्र की प्रति महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, महानिदेशक परिवार कल्याण, अपर निदेशक गोरखपुर मंडल, जिलाधिकारी देवरिया, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज और सीएचसी रुद्रपुर अधीक्षक तक भेजी गई थी। इसके बावजूद निर्देशित कार्रवाई अब तक नहीं हो सकी है।

सीएमओ द्वारा जारी यह आदेश लागू न होने से-

♦ पीपी सेंटर के संचालन में बाधा आ रही है,
♦मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है,
♦मेडिकल कॉलेज एवं स्वास्थ्य विभाग के बीच समन्वय में भी दिक्कतें सामने आ रही हैं।

जानकारी के अनुसार सीएचसी रुद्रपुर को यह भी निर्देशित किया गया था कि वह एमसीएच विंग में पीपी सेंटर की स्थापना के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करे। लेकिन पीपी सेंटर का अमला और सामग्री अब तक स्थानांतरित नहीं की गई है।

सबसे अहम् बात यह है की लिखित आदेश, स्पष्ट दिशा-निर्देश और उच्च अधिकारियों तक प्रतिलिपि भेजे जाने के बावजूद कार्रवाई न होने से यह मामला अब स्वास्थ्य विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। सवाल उठ रहे हैं कि जब आदेश स्वयं सीएमओ कार्यालय से जारी हुआ, तो उसका पालन क्यों नहीं हुआ?

यानि अब स्पष्ट है की देवरिया सीएमओ खुद मामले को उलझा कर सिस्टम को गुमराह कर रहे है तभी तो 29 सितंबर 2025 का आदेश 49 दिन बाद भी अमल में नहीं लाया गया और मामले को दबाते हुए आदेश पर पानी फेर दिया गया, जो जांच का विषय बन गया है, क्यों की आदेश के अनुसार मामला अब कागजों पर ही आधारित है और और चका चक चल रहा है।

अब निगाहें जिला प्रशासन और मंडल स्तरीय अधिकारियों पर टिकी हैं कि वे इस मामले में क्या हस्तक्षेप करते हैं और कब तक पीपी सेंटर का स्थानांतरण अपने निर्धारित स्थल पर किया जाता है।

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