देवरिया टाइम्स। रुद्रपुर क्षेत्र का पिड़रा पुल एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही की तस्वीर पेश कर रहा है। 17 जुलाई 2024 को देवरिया की जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने यहां का निरीक्षण किया था और उस समय उन्होंने कहा था— “धूप ही तो है, पिघल जाएंगे क्या”। लेकिन एक साल गुजरने के बाद भी पुल का एप्रोच ठीक नहीं हो सका है।
गोर्रा नदी के तेज बहाव ने पुल के किनारे की सड़क काट दी है, आधा हिस्सा अब खतरे के निशान पर है। थोड़ी-सी मिट्टी डालकर व बोरे में भर कर मरम्मत का दिखावा कर दिया गया है, लेकिन हालात जस के तस हैं। हर साल अधिकारियों द्वारा निरीक्षण और खानापूर्ति का यह सिलसिला जारी है, जिससे सड़क और पुल दोनों पर खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह समस्या सिर्फ लापरवाही का नतीजा नहीं, बल्कि सरकार से फंड मंजूर कराने का एक बहाना भी बन चुकी है। अगर समय रहते पुख्ता मरम्मत नहीं की गई तो गोर्रा नदी का उफान पूरी सड़क को काटकर अपने आगोश में ले लेगा।
वही गोर्रा-राप्ती का जलस्तर तेज़ी से बढ़ा, 116 गांवों पर बाढ़ का खतरा मडारा रहा हैं, नेपाल और पूर्वी यूपी में लगातार हो रही बारिश का असर अब गोर्रा और राप्ती नदी के जलस्तर पर साफ दिखने लगा है। बीते 24 घंटे में गोर्रा नदी में एक मीटर और राप्ती नदी में 75 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जलस्तर बढ़ने से बंधों के संवेदनशील स्थानों पर कटान का दबाव बढ़ गया है, जिससे तटवर्ती गांवों में बंधा टूटने का भय गहराने लगा है।
सोमवार को गोर्रा नदी 68.30 मीटर और राप्ती नदी 68.10 मीटर पर बह रही थी, जबकि मंगलवार दोपहर पिड़रा पुल गेज के अनुसार गोर्रा नदी का जलस्तर 67.20 मीटर था। दोनों नदियों का लाल निशान 70.50 मीटर है। गोर्रा नदी पुल के एप्रोच के दोनों ओर बैकरोलिंग करते हुए कटान कर रही है। नरायनपुर और बहोरा दलपतपुर गांव में नदी का दबाव सीधे मकानों पर है और जलस्तर घटने पर बड़े पैमाने पर कटान की आशंका है।
इसी तरह तिघरा मराछी बांध क्षेत्र में राप्ती नदी माझा नरायन, नीबा मठिया और भेड़ी गांव के पास बंधे से सटकर बह रही है। पिछले दो वर्षों से यह नदी लगातार कटान कर बंधे के करीब पहुंच चुकी है। जलस्तर की रफ्तार को देखते हुए कछार और दोआबा इलाके के 116 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि बारिश और तेज़ हुई तो हालात और बिगड़ सकते हैं।