कमर में पिस्टल खोस कर भीड़ में नजर आए थाना प्रभारी, नियमों की अनदेखी पर उठे सवाल,
देवरिया टाइम्स।
जनपद के गौरीबाजार थाना प्रभारी रणजीत सिंह भदौरिया इन दिनों फिर चर्चा में हैं। रविवार को वे गौरीबाजार चौक पर कमर में बेल्ट में पिस्टल खोंसे भीड़ के बीच नजर आए, जिसका वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। यह दृश्य भले कुछ लोगों को “फिल्मी अंदाज़” में रौबदार लगे, मगर यह पुलिस के अनुशासन और सुरक्षा नियमों का सीधा उल्लंघन है।
पुलिस मैनुअल के अनुसार, ड्यूटी के दौरान सर्विस पिस्टल या रिवॉल्वर को हमेशा निर्धारित होलिस्टर में रखना अनिवार्य है। बिना होलिस्टर के कमर में हथियार खोंसना न केवल सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है, बल्कि यह जनता में भय उत्पन्न करने वाला आचरण भी माना जाता है। वही फिल्मी स्टाइल में हथियार दिखाना पुलिस अनुशासन के खिलाफ है, सुरक्षा नियमों की धज्जियां उड़ाना है तस्वीरों में साफ तौर पर देख सकते है आप।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, थाने में ड्यूटी जॉइन करते समय पुलिसकर्मी को सर्विस रिवॉल्वर दी जाती है, फिल्मों में “दबंग” और “सिंघम” जैसी छवियों ने कई पुलिसकर्मियों को प्रभावित किया है, जिसके कारण कुछ अधिकारी फिल्मी स्टाइल में हथियार दिखाकर दबंग छवि पेश करने की कोशिश करते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि पुलिस की वर्दी अनुशासन, संयम और कानून का प्रतीक है, न कि प्रदर्शन का।
नियमों के मुताबिक, पुलिसकर्मी को अपना हथियार इस तरह रखना चाहिए कि इससे किसी को नुकसान न पहुंचे और न ही इसका अनावश्यक प्रदर्शन हो। बेवजह असलहा दिखाना “आतंक उत्पन्न करने की श्रेणी” में आता है। नागरिक लाइसेंसधारकों की तरह, अगर कोई पुलिसकर्मी ऐसा करता है तो यह उसकी सर्विस बुक में दर्ज होकर विभागीय कार्रवाई का आधार बन सकता है।
जनता का कहना है कि जो पुलिस कानून-व्यवस्था लागू करती है, उसी से नियम पालन की अपेक्षा सबसे अधिक होती है। ऐसे में वर्दीधारी अगर नियम तोड़ते हैं तो संदेश गलत जाता है।प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, इस मामले की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों तक पहुंचाई जा रही है, और संबंधित थाना प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है।