👉भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए विश्व भोजपुरी सम्मेलन का बड़ा बयान।

👉प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष सिद्धार्थ मणि त्रिपाठी ने उठाई मांग।

👉भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की जोरदार मांग।

देवरिया टाइम्स 25 मई 2025,
विश्व भोजपुरी सम्मेलन (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धार्थ मणि त्रिपाठी ने आज आयोजित एक प्रेस वार्ता में भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की जोरदार मांग की। उन्होंने कहा कि 20 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा को अब तक संवैधानिक मान्यता नहीं मिलना राजनीति में व्याप्त भेदभाव का परिणाम है।

♦सिद्धार्थ मणि त्रिपाठी ने कहा, “भोजपुरी भाषा विश्व के सांस्कृतिक ताने-बाने की एक मजबूत कड़ी बन चुकी है। गिरमिटिया मजदूरों के रूप में विदेशों में गए लोगों ने अपनी मातृभाषा को जीवित रखा है और आज भी दर्जनों देशों में भोजपुरी संस्कृति पर्वों के रूप में मनाई जाती है। बावजूद इसके, यह भाषा सरकारी स्तर पर उपेक्षित रही है।”

♦उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि विधानसभा में भोजपुरी को राजभाषा का दर्जा दिया जाए और राज्य में भोजपुरी अकादमी की स्थापना को मंजूरी दी जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने पहली बार विधानसभा में भोजपुरी को सम्मान दिलाया है और इसके लिए संस्था उनकी आभारी है।

♦भोजपुरी कला को शुद्धता की दिशा में पहल को लेकर सिद्धार्थ मणि त्रिपाठी ने भोजपुरी फिल्मों और संगीत में फैल रही अश्लीलता पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे भोजपुरी की गरिमा को ठेस पहुंच रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार एक संयुक्त पैनल बनाए जो यह तय करे कि कौन सा गीत और फिल्म भोजपुरी समाज के लिए उपयुक्त है। यह पैनल स्क्रीनिंग के बाद प्रमाण पत्र जारी करे, जिससे गुणवत्ता और मर्यादा बनी रहे।

♦उन्होंने बताया कि भोजपुरी संस्कृति और साहित्य के संवर्धन में विभोस (विश्व भोजपुरी सम्मेलन) की भूमिका ऐतिहासिक रही है, जिसमें साहित्यकार सतीश त्रिपाठी और प्रख्यात लेखक असोहा नीने जैसे लोगों का योगदान शामिल है।

♦प्रेस वार्ता के दौरान सिद्धार्थ मणि त्रिपाठी ने बताया कि पूरे प्रदेश में संगठन के पुनर्गठन की प्रक्रिया जारी है। सभी जनपदों में इकाइयाँ गठित की जा रही हैं और इसके बाद जनपदीय अधिवेशन होंगे। प्रांतीय इकाई के संरक्षक के रूप में इतिहासकार दिवाकर प्रसाद तिवारी को, उपाध्यक्ष के रूप में ओमप्रकाश चौबे (वाराणसी) और शंभूनाथ चौबे (आगरा) को तथा सचिव पद पर हीरालाल हीरा (बलिया) और श्रीमती संगीता सिंह (देवरिया) को नियुक्त किया गया है। वर्ष के अंत तक प्रांतीय अधिवेशन आयोजित किया जाएगा।

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