“देवरिया में हाल ही में आयोजित दिशा (विकास समन्वय एवं निगरानी समिति) की बैठक में हुए बवाल की कई वजहें अब सामने आ रही हैं।”
इस बैठक में प्रथम वीडियो वायरल में देखा गया की विधायक दीपक मिश्रा उर्फ़ शाका ने क्षेत्र की सड़कों को लेकर बैठक में तीखी प्रतिक्रिया दी थी, लेकिन अब वायरल हो रहे एक नए वीडियो से यह स्पष्ट हो रहा है कि बवाल की वजह यह भी थी।
फैक्ट चेक में वजह सामने आया है कि विधायक दीपक मिश्रा ने बैठक के दौरान अपने रिश्तेदारी के चाचा (सहायक लेखाकार) का तबादला रद्द करवाने को लेकर प्रशासन पर दबाव बना रहे थे, बात यही से शुरू हुई और फिर अन्य शिक्षको से जोड़ कर बात को ख़तम किया गया, लेकिन इस मामले में विभागीय जानकारी के अनुसार, बढया बुजुर्ग में तैनात एक शिक्षिका शशिबाला वर्मा के सेवानिवृत्त होने के बाद भी “सहायक लेखाकार” द्वारा उनकी सैलरी कई महीनों तक निकाला गया। इसी गड़बड़ी के चलते शिक्षा विभाग ने उनका तबादला कर दिया था और फिर यह मामला तूल पकड़ लिया।
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि अधिकारी स्पष्ट रूप से तबादला न रद्द कर पाने की मजबूरी जता रहे हैं, वही बैठक में मौजूद एमएलसी देवेंद्र सिंह स्थिति को संभालते दिखे और बीच-बचाव करते हुए देवरिया बीएसए शालिनी श्रीवास्तव से कहा, “अगर तुम्हारी कलम ना फँसे तो रद्द कर दो ट्रांसफर।” लेकिन बात नहीं बनी और मामला गरमा गया।
वही इस बात के बाद देवरिया डीएम दिव्या मित्तल ने बैठक में मौजूद जनप्रतिनिधियों से आग्रह करते हुए कहा की गलत कार्यों एवं ट्रांसफर के लिए किसी भी अधिकारी पर दबाव नहीं बनाया जा सकता, शासन द्वारा इसपे जीओ लागू हैं, फिर भी जनता से जुडी समस्याओं को हर संभव निस्तारण करने का प्रयास विभागों द्वारा किया जा रहा हैं।
समाज में जैसे जैसे वीडियो सामने आते गए मामले की सच्चाई भी उजागर होती गई, और अब यह साफ हो गया है कि दिशा की बैठक में हुआ हंगामा जनहित से ज्यादा कुछ निजी हितों से भी जुड़ा था। “विकास समन्वय एवं निगरानी समिति” यह समिति ज़िले के सांसद की अध्यक्षता में कार्य करती है और केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी एवं समन्वय करती है।