देवरिया टाइम्स, 30 जुलाई 2025
ओवरलोडेड ट्रकों और जल निगम की अंदरूनी खुदाई से क्षति हुआ मार्ग, स्थानीय लोगो ने उठाया सवाल।
देवरिया जनपद में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के अंतर्गत नवनिर्मित संपर्क मार्गों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ प्रतिदिन भारी संख्या में ओवरलोडेड ट्रकों का आवागमन हो रहा है, वहीं दूसरी ओर जल निगम (ग्रामीण) द्वारा बिना पूर्व अनुमति के कराए जा रहे पाइपलाइन कार्यों से इन सड़कों की सतह और पटरी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, पीआईयू देवरिया ने दोनों ही मामलों पर गंभीर आपत्ति दर्ज कराते हुए प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग की है।
30 मई 2025 को सूर्य प्रकाश (अधिशासी अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ) द्वारा देवरिया जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक तथा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को पत्र के माध्यम से अनुरोध किया हैं की सबसे पहले इस मार्ग पर बड़े ओवरलोड ट्रैकों का आवागमन बंद किया जाए।
यह मार्ग विशेष रूप से सिंगल एक्सल लाइट कमर्शियल वाहनों के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन वर्तमान समय में सोनुघाट-बरहज मार्ग के क्षतिग्रस्त होने के कारण प्रतिदिन लगभग 150 से 200 ओवरलोडेड ट्रक इस मार्ग से गुजर रहे हैं। अधिशासी अभियंता के अनुसार, IRC-72 के क्लॉज 3.4.3 के तहत ओवरलोडेड वाहन मानक लोड की तुलना में चार गुना अधिक क्षति पहुंचाते हैं। इससे सड़क पर रूटिंग क्रैकिंग और नीचे सतह का डिफॉर्मेशन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, जिससे मार्ग दोष दायित्व अवधि (Defect Liability Period) से पूर्व ही क्षतिग्रस्त होना शुरू हो गया और यही स्थिति रही तो और क्षति पहुंच सकता है।
वही दूसरे पत्रांक 116/ग्रा.अ.वि./पीआईयू/प्रगति/2025-26 दिनांक 27 जून 2025 के अनुसार, पैकेज संख्या UP020104 (देवरिया से बेलडाड़) एवं UP020105 (बेलडाड़ से देवरिया) मार्गों पर जल निगम (ग्रामीण) द्वारा बिना पूर्व अनुमति पाइप डालने का कार्य कराया जा रहा है। टेकुआ के पास पटरी की खुदाई कर दिए जाने से पेंटिंग सरफेस, एजिंग, एवं बी.टी. सरफेस को क्षति पहुंची है। विभाग ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए कार्य को तत्काल प्रभाव से रोकने एवं 03 दिवस के भीतर मरम्मत सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। साथ ही विभाग ने आगाह किया है कि भविष्य में किसी भी निर्माणाधीन अथवा अनुरक्षणाधीन पीएमजीएसवाई मार्ग पर कोई कार्य बिना अनुमति न किया जाए। कार्यस्थल की फोटोग्राफ्स भी पत्र के साथ संलग्न की गई हैं।
♦दोनों पत्रों के माध्यम से अधिशासी अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, पीआईयू देवरिया ने स्पष्ट किया है कि यदि समय रहते हस्तक्षेप नहीं हुआ, तो न केवल करोड़ों की लागत से बनी सड़कों को क्षति पहुंचेगी, बल्कि निर्माण की गुणवत्ता, योजना की प्रतिष्ठा एवं ग्रामीण क्षेत्र की कनेक्टिविटी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।