देवरिया टाइम्स। पटना/रोहतास
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव ने 17 अगस्त 2025 को बिहार के सासाराम से “वोट अधिकार यात्रा” की शुरुआत की। यह 16 दिनों की यात्रा करीब 1300 किलोमीटर का सफर तय करेगी और बिहार के 25 जिलों से होकर गुजरेगी। यात्रा का उद्देश्य चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में कथित गड़बड़ियों और “वोट चोरी” के आरोपों को जनता के सामने उठाना है। विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया में दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और प्रवासी मजदूर जैसे हाशिये पर खड़े समुदायों के नाम बड़ी संख्या में मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं।
सासाराम में सुरा एयरोड्रम मैदान से यात्रा का शुभारंभ राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने किया। राहुल गांधी गया हवाई अड्डे से हेलीकॉप्टर द्वारा पहुंचे और एसपी जैन कॉलेज मैदान में सभा को संबोधित किया। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, भाकपा (माले) के दीपांकर भट्टाचार्य और सीपीएम की सुभाषिनी अली सहित इंडिया गठबंधन के अन्य नेता भी मौजूद रहे। भीड़ में “वोट चोर गद्दी छोड़” जैसे नारे गूंजते रहे। जिला प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे।
यात्रा का रूट रोहतास, औरंगाबाद, गया, नवादा, शेखपुरा, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, भोजपुर जैसे जिलों से होकर निकलेगा और 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में बड़ी रैली के साथ इसका समापन होगा। इस दौरान जगह-जगह सभाएं, पदयात्राएं और जनसंपर्क कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
राहुल गांधी ने सभा में कहा कि यह यात्रा संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए है और जनता को “एक व्यक्ति, एक वोट” के अधिकार के प्रति जागरूक करने के लिए निकाली गई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि “चोरी चोरी, चुपके चुपके… अब और नहीं, जनता जाग गई है।”
वहीं, सत्तारूढ़ एनडीए ने इस यात्रा को जनता को गुमराह करने की कोशिश बताया। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया पारदर्शी है और चुनावी अखंडता बनाए रखने के लिए की गई है। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने इसे “राजनीतिक तमाशा” करार दिया और दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए भारी बहुमत से चुनाव जीतेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह यात्रा विपक्ष के लिए जनता को जोड़ने और खासकर युवाओं और वंचित वर्गों में समर्थन जुटाने का बड़ा प्रयास है। 2024 लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की मजबूती और सासाराम जैसे कांग्रेस गढ़ से शुरुआत विपक्ष की रणनीतिक सोच को दिखाता है। हालांकि, चुनाव आयोग द्वारा वोट चोरी के आरोपों को खारिज करने और यात्रा को लेकर एनडीए के पलटवार से यह विवाद और तेज हो गया है। जनसभा में उमड़ी भीड़ और विपक्षी नेताओं की एकजुटता ने इस यात्रा को जोरदार शुरुआत दी है, लेकिन अगले 16 दिनों तक विभिन्न जिलों में इसी जोश को कायम रखना विपक्ष की सबसे बड़ी चुनौती होगी।