देवरिया जनपद में गरीब और आमजन को सस्ती व गुणवत्तापूर्ण दवाइयाँ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू हुई प्रधानमंत्री जन औषधि योजना पर जिले में सवाल खड़े हो गए हैं। जन औषधि केंद्र की आड़ में खुलेआम दूसरी कंपनियों की दवाइयाँ बेची जा रही हैं। यही नहीं, इन दवाओं की कीमत बाजार से भी तीन गुना अधिक वसूली जा रही है।
इस गोरखधंधे से न केवल मरीजों को गुमराह किया जा रहा है, बल्कि सरकार की मंशा पर भी पानी फेरा जा रहा है। जब इस मामले में संबंधित अधिकारी से बात की गई और सबूत दिखाए गए तो उन्होंने जांच का आश्वासन दिया, लेकिन गोपनीयता बनाए रखने के बजाय मामले को लिक कर दिया, और गोरखपुर में बैठे अधिकारी ने दबाने की कोशिश की गई,
सूत्रों की मानें तो जिले में जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से यह खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। यदि समय रहते इस पर लगाम नहीं लगी, तो जन औषधि योजना का असली उद्देश्य पूरी तरह विफल हो जाएगा और आमजन को राहत की जगह महंगाई व ठगी ही हाथ लगेगी।