देवरिया टाइम्स 21 जनवरी 2025,

13.13 लाख नहीं बल्कि 39.37 लाख का हुआ भ्रष्टाचार। देवरिया पीडब्ल्यूडी विभाग का बड़ा भ्रष्टाचार आया सामने, बैठी जांच।

♦अधिकारी की मिलीभगत से विभाग के कर्मचारी ने किया भुगतान।

👉बरहज में हुए पीपा पुल के कार्य में 1लाख 7हजार 7सौ 38 रुपये के बांड पर 13.13 लाख नहीं बल्कि 39.37 लाख का हुआ भुगतान। उसके बाद भी दिखाया पूर्ण नहीं हुआ हैं कार्य और फर्जी अनुभव प्रणाम पत्र जारी करते हुए कर दिया बड़ा खेल।

👉वर्ष 2018-2019 में हुआ था कार्य, 2018-2019 में ही हुआ था भुगतान।

👉प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग में मामला उजागर होने के बाद मचा था हडंकप।

👉अधीक्षण अभियंता ने तीन दिन के अंदर आरोपी अधिकारी व कर्मचारी पर कार्रवाई का विभाग से मांगा था प्रस्ताव।

♦अब मामला उजागर होने के बाद विभाग के कर्मियों के बचाव में एक अधिकारी।

✍️#देवरिया जनपद के बरहज में पीपा पुल कार्य के नाम पर 1लाख 7हजार 7सौ 38रुपये के बांड पर 13.13 लाख रुपये का नहीं बल्कि 39.37 लाख रुपये का भुगतान होने का मामला प्रकाश में आया है। इसका खुलासा उस समय हुआ जब अधिक्षण अभियंता ने पत्र जारी कर तीन दिन के अंदर दोषी अधिकारी व कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव संस्तुति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
इस निर्देश के बाद लोक निर्माण विभाग में हड़कंप मच गया हैं।

♦ पीडब्ल्यूडी विभाग के एक कर्मी ने अधिकारी की मिलीभगत से एक लाख सात हजार सात सौ के अनुबंध प्रमाण पत्र पर पीपा पुल निर्माण के नाम पर 13.13 लाख रुपये की कौन कहे 39.37 लाख रुपये का भुगतान कर दिया। आरोप लगा कि ठेकेदार से मोटी रकम लेकर लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से एक कर्मचारी ने भुगतान कर दिया है।

♦ यही नहीं उसने पांच साल का लाभ ठेकेदार को देने के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 में भुगतान होना दिखाया था। और अधिकारी से सिग्नेचर कराया 3/12/2024 में और पत्र जारी किया बैक डेट 6/11/2024 को,

♦ इस प्रकरण को उजागर करते भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष आशुतोष मिश्रा ने मुख्य सचिव को पत्र भेज कर इस पूरे प्रकरण की जांच कराने की मांग की थी। जिसे संज्ञान में लेकर अधीक्षण अभियंता डीके अहिरवार ने तीन दिन के अंदर दोषी अधिकारी व कर्मचारी पर कार्रवाई का प्रस्ताव मांगा था।

♦इधर प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग देवरिया का यह मामला सुर्खियों में आने के बाद कर्मचारी को विभाग के ही एक अधिकारी उसे बचाने में जुटे हुए है। सरकार के आँखों में धूल झोक कर वर्ष 2018-19 में बरहज में पीपा पुल के निर्माण पर ठेकेदार को एक लाख के बांड पर 13.13 लाख रुपये का भुगतान करने का मामला प्रकाश में आया। जब इसकी जांच शुरु हुई तो 13.13 लाख नहीं बल्कि 39.37 लाख रुपये का भुगतान होना मिला। खास बात यह रही कि पीपा पुल निर्माण के लिए अनुबंध बनाया गया था, परंतु भुगतान सड़क पर गिट्टी डालने के कार्य का हुआ हैं।

👉इसका खुलासा उस समय हुआ जब ठेकेदार ने फिर से टेंडर डालने के लिए अपना अनुभव प्रमाण पत्र जमा किया तो उस पर एक लाख की जगह पर पांच बार में लाखों रुपये का भुगतान दिखाया गया था। इसकी जानकारी होते ही भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष आशुतोष मिश्रा ने मुख्य सचिव को पत्र लिख कर साक्ष्य के आधार पर आरोप लगाया था कि अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग देवरिया द्वारा निर्गत फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र एक लाख रुपये के सापेक्ष 39.37 लाख का भुगतान कर दिया गया है।

♦यही नहीं मोटी रकम लेकर एक कर्मी ने वर्ष 2018 के कार्य को 2019-20 में दिखाया है। ताकि ठेकेदार को पांच साल का लाभ मिल सके। इधर शिकायत करने के बाद कुछ लोग कर्मचारी का बचाव करने में लग गए हैं।

🔹 मामला तूल पकड़ता देख अधीक्षण अभियंता डी.के. अहिरवार ने पत्रांक-3875/50 दिनांक 06.11.2024 द्वारा मिथिलेश सिंह कान्ट्रैक्टर के नाम से त्रुटिपूर्ण अनुभव प्रमाण-पत्र निर्गत किये जाने के संबंध में जांच कर जांच आख्या एवं उत्तरदायी अधिकारियों / कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार सुसंगत नियमों के अन्तर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव संस्तुति तीन के अन्दर प्रत्येक दशा में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद भी मंगलवार की देर शाम तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।

✍️पुरा मामला बरहज में पांडून पुल खोलने के लिए 10 अगस्त 2018 में अनुबंध का गठन हुआ था। कार्य की अनुबंधित लागत एक लाख सात हजार 738 रुपये था। अनुबंध के अनुसार कार्य प्रारम्भ करने की तिथि 10 अगस्त व कार्य पूर्ण करने की तिथि 24 अगस्त 2018 निर्धारित थी।

👉उक्त अनुबन्ध के अन्तर्गत प्रथम चालू देयक में कार्य की लागत 578404 रुपये थी।

♦ द्वितीय चालु देयक में अतिरिक्त सद डब्लूबीएम ग्रेड-3 कार्य की लागत 735227 रुपये थी।

♦तृतीय चालू देयक में अतिरिक्त मद डब्लूबीएम ग्रेड-3 कार्य की लागत 891450 रुपये थी।

♦चतुर्थ चालू देयक में अतिरिक्त मद डब्लूबीएम ग्रेड-3 कार्य की लागत 1132223 रुपये थी और,

♦पांचवें चालू देयक में अतिरिक्त मद उम्लुबीएम ग्रेड-3 कार्य की लागत 596063 रुपये मात्र है।

✍️उल्लिखित अनुबंध के अन्तर्गत समस्त कार्य वित्तीय वर्ष 2018-19 में संपादित किये गये है एवं उल्लिखित अनुबंध के अन्तर्गत 39 लाख 37002 रुपये की धनराशि का भुगतान वित्तीय वर्ष 2018-19 में किया गया है। यही नहीं अनुभव प्रमाण पत्र पर 3.12.24 अंकित है, जबकि डिस्पैच का डेट 6.11.24 है। हस्ताक्षर होने के बाद डिस्पैच होना है, लेकिन यहां पहले ही हो गया था। फिलहाल अधीक्षण अभियंता इस मामले की जांच कर रहे है। अब इस जांच में उनके तरफ से क्या कार्रवाई की जाती है यह भगवान जाने, लेकिन सरकार के पैसे का किस तरह अधिकारी समेत कर्मचारियों ने खेल किया हैं इसका यह छोटा सा उदाहरण हैं।

👉इस संबंध में अधीक्षण अभियंता डी.के. अहिरवार के मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया तो मोबाइल बंद मिला। इसके बाद मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग गोरखपुर के राकेश वर्मा के नंबर पर भी संपर्क किया गया तो वह फ़ोन नहीं उठाये और दुबारा फ़ोन करने पर मोबाइल बंद कर लिए। [देवरिया टाइम्स]

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